Thursday, May 12, 2011

प्यार का दीप

जल रहा है तेरे प्यार का दीप मेरे दिल में,



परवाह नहीं चाहे आज शमा जले ना जले,


मिल रही है रोशनी तेरे प्यार की रंगीनियों में,


परवाह नहीं चाहे आज उजाला रहे ना रहे,


हमें ढल जाने दो आज अपने अंग-अंग में,


डूब जाने दो आज हमें अपनी प्यासी निगाहों में,


मिलने दो आज खुशबू हम दोनों के तन-बदन को,


सुन लेने दो आज सारी दिल की धड़कन को जो धड़कती है तेरे लिए,


कैद करने दो आज तड़पती तन्हाईयों को अपने दिल में,


छप जाने दो आज अपनी तस्वीर को मेरी पलकों में,


तुम ही कह दो छुपाऊं कैसे ओ सनम आज तड़प में इस दिल की,


मेरे दिल की हर धड़कन में जब नाम तेरा ही रहता है।

BHIGASRA


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