(सत्य)
Send By: PURSHOTAM SHARMA
सत्य केवल एक होता है,
इसलिए अकेला होता है ।
सत्य दो नहीं होते ;
इसलिए सत्य का
कोई सफ़र का साथी नहीं होता ।
उसे सारा सफ़र
अकेले ही तय करना होता है ।
कोई बन्धु ,
कोई मित्र,
कोई सखा
उसके साथ चलना
पसन्द नहीं करता ।
!!...हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी दोस्तों,
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने के लिए...!!
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