भारत के आधे बच्चे अपनी मौलिक शिक्षा से दूर हैं. यहां 1.7 करोड़ बाल मजदूर
हैं. हर साल 2 मिलियन से अधिक शिशु पहला बर्थडे नहीं मना पाते हैं. कई
मिलियन बच्चे भूखे और बेघर हैं. यह सच्चाईयां किसी आपदा से कम नहीं. CRY
बच्चों के हक़ की आवाज़ को बुलंद करता रहा है. पिछले 29 सालों से वंचित
बच्चों और समुदाय से जुडा है. 18 राज्यों के 5,000 गांव और झुग्गियों में
काम करता है. लिंग, जाति, आजीविका और विस्थापन की तह तक जाता है. भूख,
गरीबी, बेकारी, शोषण, अत्याचार और तमाम रोगों के खिलाफ लड़ता है. CRY
'अधिकार-मूलक' सोच को अपनाता है. बच्चों की दिक्कतों और उसके आसपास के
इंसानी पहलुओं को समझना चाहता है. अगर आप भी ऐसा ही सोचते है तो आइये मिलकर
लड़े, अन्धकार के खिलाफ. 'भारत की रोशनी' के लिए
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