कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता हैं
कि ज़िंदगी तेरी जुल्फों कि नर्म छांव में गुजरने पाती
तो शादाब हो भी सकती थी
यह रंज-ओ-ग़म कि सियाही जो दिल पे छाई हैं
तेरी नज़र कि शुओं मैं खो भी सकती थी
...मगर ये हो न सका और अब ये आलम हैं
कि तू नहीं, तेरा ग़म तेरी जुस्तजू भी नहीं
गुज़र रही हैं कुछ इस तरह ज़िंदगी जैस
इसे किसी के सहारे कि आरजू भी नहीं
न कोई राह, न मंजिल, न रौशनी का सुराग
भटक रहीं है अंधेरों मैं ज़िंदगी मेरी.
इन्ही अंधेरों मैं रह जाऊँगा कभी खो कर
मैं जानता हूँ मेरी हम-नफस, मगर यूंही
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता हैं
सपने उनके सच होते हैं जिनके सपनों में जान होती है!
सिर्फ पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उडान होती है !!
तालीम नहीं दी जाती परिंदों को उडनें की !
वो तो खुद ही समझ जाते हैं ऊंचाई आसमानों की !
गिरते हैं शेरे सवार ही मैदाने जंग में !
वे क्या खाक गिरेंगे जो घुटनों के बल चलें !!
ये सीडियाँ उन्हें मुबारक जिन्हें छत पर जाना है !
जो आसमा की आरजु रखते हैं, उन्हें अपना रास्ता खुद बनाना है !!
मिटा दे अपनी हस्ती को अगर कुछ मर्तबा चाहिए !
कि दाना ख़ाक में मिलकर गुल-ए-गुलज़ार होता है !!
ये खामोश जिन्दगी हमे जीने नहीं देगी !
अगर इस दुनिया मे रहना है तो कोहराम मचा दो यारों !!
किनारों से नाखुदा मुझको दूर ही रख !!
ले चल मुझे वहां जहाँ तूफ़ान
हर नज़र को एक नज़र की तलाश है,
हर चहरे मे कुछ तोह एह्साह है,
आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,
क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. .
चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तोह चाँद की चाहत किसे होती.
कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,
तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.
कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना,
इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,
जब दिल उब जाए हमसे तोह बता देना,
न बताकर बेवफाई मत करना.
दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जता है
अस्मा लाख ऊँचा हो मगर झुक जता है
दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,
अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जता है.
दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही.
दोस्ती पर्वत है वोह, जोह झुकता नही,
इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,
यह वो "अनमोल" मोटी है जो बिकता नही . . .
सची है दोस्ती आजमा के देखो..
करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो,
बदलता नही कभी सोना अपना रंग ,
चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो .
लम्हो मे जो कट जाए वो क्या जिंदगी,
ऑसुओ मे जो बह जाए वो क्या जिंदगी,
जिंदगी का फलसफां हि कुछ और है,
जो हर किसी को समझ आए वो क्या जिंदगी ।
सूरज पास न हो, किरने आसपास रहती है,
दोस्त पास हो ना हो, दोस्ती आसपास रहती है,
वैसे ही आप पास हो ना हो लेकिन,
आपकी यादें हमेशा हमारे पास रहती है.
सोचते थे हर मोड पर आप का इंतेज़ार करेंगे..
पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर,
कम्भाकत सड़क ही सीधी निकली...
हम ने माँगा था साथ उनका,
वो जुदाई का गम दे गए,
हम यादो के सहारे जी लेते,
वो भुल जाने की कसम दे गए!
आपके दिल में बस्जयेंगे एस एम एस की तरह.,.,
दिल में बजेंगे रिंगटोन की तरह.,.,
दोस्ती कम नहीं होगी बैलेंस की तरह.,.,
सिर्फ आप बीजी ना रहना नेटवोर्क की तरह.....
खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नहीं था,
खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नहीं था,
रस्ते पे जा के देखा तो खिड़की पे कोई नहीं था...
आंसुओ को लाया मत करो,
दिल की बात बताया मत करो,
लोग मुठ्ठी मे नमक लिये फिरते है,
अपने जख्म किसी को दिखाया मत करो।
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