मुट्ठी भर आसमान मुझे
भी चाहिए ..
उमंगों ने सोची है उड़ान भरने
की ,
रास्ता देख रही हैं मंजिले
मेरी ...
बंदिशे न लगाओ,जाने दो उन्
राहों पर,
भीड़ में नहीं खोना मुझे ...
कोई पहचान मुझे भी बनाने
दो ..!!!!
आपने देश के प्रति भक्तिभाव रखना अगर पाप है तो मै स्वीकार करता हूँ की वह पाप
मैंने किया है.अगर वह पुण्य है तो उससे जनित पुण्य पद पर मेरा नम्र अधिकार है........
प्यार जब हर धर्म से हर क़ौम से हो,
तब समझना मुल्क़ सुंदर बन गया।
ख़ुद के जैसा ही करे बर्ताव सब से,
तब समझना तू तो सिकंदर बन गया।
हारना उतना शर्मनाक नहीं होता जितना हार मान लेना।
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