साथियों
जिस पहले आदमी ने जमीन के एक टुकड़े को घेर कर ये कहने का सोचा होगा की यह मेरा है तथा जिसे अपनी बात पर विश्वास करने वाले सीधे साधे लोग मिल गए होंगे वही नागरिक समाज का असली संस्थापक था!
अगर किसी ने इस धोखेबाजी का पर्दाफाश कर दिया होता,और यह ऐलान कर दिया होता की यह धरती किसी की संपत्ति नहीं है और इसके फल सबके है,तब मानवजाति को इतने युद्ध,अपराध और संत्रास नहीं झेलने पड़ते..............(रूसो)
जय क्रांति जय हिंद
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